101+ Gulzar Shayari in Hindi (गुलजार की शायरी) 2022
Best Gulzar Shayari: अगर आप भी गुलज़ार के दीवाने है तो आपको भी गुलज़ार की शायरी पसंद होगी। इसीलिए आज हम आपके लिए ले कर आए है गुलजार शायरी। अगर आपको हमारी ये शायरी अच्छी लगे तो आप इसे आपने Instagram और WhatsApp पर जरुर शेयर करें।
Contents
Gulzar Shayari Hindi
बस यह सारा किस्सा उसी का है,
जो इस सीने में धड़कता हुआ हिस्सा है।
अब जिंदगी में ना कोई “राज़” है,
अब जिंदगी में ना कोई “नाराज़” है,
अब यह ज़िंदगी बस एक “खुली किताब” है।
नहीं ढाल सकते हम अपने आपको
औरों की सोच के हिसाब से,
क्योंकि खुदा ने हमें भी तो
अपना एक कैरेक्टर दिया है।
जिंदगी के हर पल को मजे से जी लो
ना जाने यह पल कल हो ना हो…
शायद यह पल हो लेकिन
उन पलों में हम रहे या ना रहे कल।
तुझे ऊंचाइयों तक पहुंचाने की कोशिश में
तुझसे ही मिल नहीं पा रहे हम
ए जिन्दगी…
तेरी ही खातिर तुझे ही नहीं जी पा रहे हम।
ये उम्र कुछ इस कदर तन्हा गुजरी है
कि अब अपने साए को देखकर भी चौक जाते हैं!!
अपनों से हर बात पर
जब मिलता “शिकवा” ही है,
तो उससे तो “खामोशी” ही अच्छी है,
जरूरी तो नहीं कि हर बात पर
“जंग” की जाए।
मुझे तो बस हंसना हंसाना आता है,
गम की बातें मुझ से होती नहीं..
लेकिन मेरी हर बात को
मजाक मत समझना,
मेरी हर बात हंसी मजाक होती नहीं।
अब तो बस किसी को भूलने के लिए तनहाई की दीवारें हैं
जिन पर बेबसी का पर्दा लगा है खामोशी की छत है
पराये पन की जमीन पर जी रहे हैं।
माना कि बदलते वक्त के साथ
रिश्ते हाथ से छूट कर चले जा रहे हैं
लेकिन कभी वक्त की डालियों से
सुनहरे पलों को यूं तोड़ा नहीं करते।
इन जख्मों की कोई उम्र नहीं होती साहब…
यह जख्म तो ताउम्र साथ चलते हैं
जब तक जिस्म खाक ना हो जाए।
हमारे रिश्ते को ज़माने की
नजर ना लग जाए हम भी तमन्ना रखते हैं
आप से मरते दम तक रिश्ता निभाने की
दुपट्टा सर पर रखकर
वो दुल्हन सी नज़र आने लगी
उनके लिए तो सिर्फ़ अदा ठहरी
लेकिन जान हमारी जाने लगी।
उलझन सी पडी है जिंदगी में
अकेले से हो गए हैं हम
हमें जो ठीक से जानते ही नहीं
बेवजह उनके लिए
परेशान से हो गए थे हम।
वह हमदर्द ही कैसा
जिसे दर्द का पता ना हो
वह दर्द ही कैसा
जिसे जाहिर करना पड़े!!
Heart Touching Gulzar Shayari
वक्त की फितरत भी
कुछ इंसानों जैसी ही है
एक जगह पर कहीं टिकता ही नहीं।
इस रात की तन्हाई में
मुझे आवाज ना दो,
जिसकी आवाज मुझे रुला दे
वह साज ना दो।
याद तो हर पल रहोगे तुम मुझे
मगर मैं कभी तुम्हें आवाज न दूंगा
मेरी हर ग़ज़ल लिखूंगा तेरे ही लिए
लेकिन उस ग़ज़ल में मैं तेरा नाम न लूंगा
आंखें शाम से फिर नमी सी है
ज़िन्दगी में आज फिर आपकी कमी सी है
दफन कर दो ताकि चैन मिले हमें
कुछ देर से सांस थमी सी है।
तजुर्बा कहता है कि दुःख, झिझक,डर जो भी है
वो दिल के अन्दर बैठा है, अगर खुद के डर से
तू बाहर निकल जाए तो तू भी एक सिकंदर ही है।
जिंदगी कुछ इस तरह से
बसर हो गई कि काफिला साथ रहा
और हमारा सफर तन्हा रहा।
वो मुझे छोड़कर खुश है
ये उसकी मोहब्बत है।
मैं उसकी खुशियों में खुश ना रहूं
तो मेरी मोहब्बत कैसी?
ए जिंदगी कभी पता न था कि
तेरे भी ऐसे फसाने होंगे,
रोना तो आएगा
लेकिन आसूं भी छुपाने होंगे।
किसी को इतना हक ना दो कि
बाद में तकलीफ हो तुम्हें
किसी को इतना वक्त ना दो कि
खुद पर गुरुर हो हमें
किसी भी शख्स की पहचान
उसके शब्दों से कहां हो पाती है
वजूद वह सब कह नहीं पाता
जो समझता और महसूस करता है।
वह लोग अक्सर खामोश रहते हैं
जिन्हें वाकई में बात करना आता है।
तेरी खूबसूरती को अगर
निगाहों का हक है,
तो इन आंखों को भी
गुनाह का एक हक है,
मेरे दिल को भी बनाया है भगवान ने
इस दिल को दर्द में
आह निकालने का हक है।
हमें छोड़ कर चले जाने से
दुनिया में तो कुछ नहीं बदला
दिन भी आया, रात भी आई
चांद भी आया, चांदनी भी आई
मगर बस हमें नींद ना आई!
उम्र कट रही है
कुछ इसी अंदाज में
एक तुम्हारी आस में
और दूसरी काश… में
आजकल शहर सुने और
घर गुलज़ार होने लगे हैं,
हर मोहल्ले बस्ती में
कैद हस्ती हो गई है,
आज जिंदगी महंगी
और इमानदारी सस्ती हो गई है।
अक्सर देखो तो कितना मीठा बोलता है
“झूठ” और “सच” को तो
बात करने की तमीज ही नहीं है!
लोगों ने हम पर
जितने इल्जाम लगाए
हम इतने भी बुरे नहीं थे
बस कुछ हमारी तकदीर खराब थी
और कुछ लोग…
उम्र बदलती है मगर लोग नहीं बदलते…
बस जो बचपन में जिद होती है,
बड़े होकर वह जरूरत बन जाती है।
बेहिसाब ख्वाहिशे दिल में लेकर
खामखां अपने आप को परेशान ना करें…
जो मिला है, उसे ही संभाले रखें।
कुछ वक्त के साथ बदल जाओ
और कुछ वक्त के साथ चलना सीखो
चलना तो हर हाल ही में है
वक्त के साथ निभाना सीखो।
Gulzar Shayari On Life in Hindi
सपने टूट कर चकनाचूर हो जाए
उसके बाद भी हम सपने देखना ना छोड़े
इसी हौसले का नाम जिंदगी है।
वादे करना तुम्हारी आदत थी
और एतबार करना हमारी आदत थी
बस यूं ही तेरे वादों पर इंतजार करते-करते
पूरी जिंदगी हमने एतबार कर लिया।
अब तो यह दिन कुछ ऐसे गुजरते हैं
जैसे किसी का एहसान चुका रहे हैं।
आपके जाने के बाद हर पल हमने
आप ही के साथ गुजारा है।
घर में शीशा देखकर
एक तसल्ली सी होती है
कि कोई तो है
जो सिर्फ हमें सच बताता है।
इस जमीं के अलावा
दूसरी कोई मां कहां होगी
एक जरा सा बीज भी रख दो
तो वह पेड़ बनाकर देती है।
ये यादें भी कुछ आवारा सी हो गई हैं..
टहलने के लिए देर रात को निकल पड़ती है!!
जन्मदिन आकर
उम्र कम कर रहा है मेरी
और मैं कमबख्त
अपने साल बढा रहा हूं।
सुबह न आई, कई बार नींद से जागे
यह एक रात की जिंदगी हम गुजार चले
जब भी मन की राह
चलने की कोशिश की,
तब कोई न कोई रहबर
रास्ता में आ गया।
वो पल कहीं रुक गया था,
या वक्त में कोई बल पड़ गया था
बहोत कहने की कोशिश की मगर
लंबी खामोशी से गुजरा हूं।
जिंदगी में तकलीफ तब बढ़ जाती है, जब
अपनों से कोई उम्मीद लग जाती है।
कहते हैं जिंदगी है चार दिन की
अगर अच्छे से जियो तो
चार दिन भी बहुत है यारों।
इन इश्क के मारों का
बस इतना ही फ़साना है।
रोने को हम है,
और हंसने को पूरा जमाना है।
बेइंतहा मोहब्बत है
इन बारिश की बूंदों को
तपती जमीन से
वर्ना यूं ही कोई मोहब्बत में
इतना नहीं गिरता।
गर हम मुकर गए तो
तुम्हें संभालेगा कौन।
अपने गम के जज्बातों से
तुम्हें निकालेगा कौन।
Gulzar Shayari on Love
रिश्तो में कुछ शिकायतें हो तो बेहतर है
ज्यादा चासनी में डूबे रिश्ते
कड़वा ज़हर भी लगते हैं।
तेरी याद में पूरी दुनिया भूल चुका हूं,
तुझे चाहा है इतना की
अब संभलना भूल चुका हूं।
अब तो मुस्कुराहट भी
एक कर्ज़ सी बन गई है,
मुस्कुराता हूं कभी तो
ऐसा लगता है कि
होठों पे कर्ज रखा है।
शोर से तो तन्हाई अच्छी है
सवाल तो बहुत करती है
लेकिन जवाब के लिए
कभी जिद नहीं करती।
रिश्तो में कुछ फासले होने चाहिए
ज्यादा नज़दीकिया
बेइंतहा दर्द दे जाती हैं।
यार ने कुछ ऐसी रिहाई दी है
कि हमें फिर वहींं लौट कर जाना होगा।
जैसे हवा चले या ना चले
खुली किताब के पन्ने पलटते रहते हैं।
वैसे ही दिन गुजरे या ना गुजरे
दिन रात बदलते रहते हैं।
तजुर्बा कहता है साहब…
मतलबी लोगों से मिलने से
तन्हा रहना सौ गुना बेहतर है।
अगर कसमें सच में “सच” होती
तो सबसे पहले खुदा ही मरता!!
हमें अपने परखते हैं,
कुछ गैरों की तरह,
यहां हर रिश्ता बदलता है,
हमें शहरों की तरह!!
Zindagi Gulzar Hai shayari
जिंदगी के कुछ सबक
तब तक समझ नहीं आते
जब तक खुद पर ना बीते!!
ख्वाबों का स्वेटर बुनने में
हमें बरसों लग गए…
जब तैयार हुआ
तब तक मौसम बदल चुका!!
तेरी याद में रातों को
जागना भी हमें मंजूर है
जो सुकून तेरे एहसास में होता है
वह नींद में कहां?
मेरी जिंदगी जब तमाशा करती है
तब गज़ब की बात यह है..
कि अपने ही तालियां बजाते हैं!!
एक चीज़ थी मेरे अंदर
जिसे दिल कहते हैं!
ढूंढ रहा हूं उसे कि रखा कहां है?
माना कि… कल के सारे “वाकिए” तुम्हारे थे…
लेकिन आज की हर “दास्तां” मेरी है!!
ऐसे लोगों से वफ़ा की उम्मीद
कभी ना करो…
जो मिलते किसी और से है
होते किसी और के हैं।
उठाते हैं जो हमारे किरदार पर उंगलियां
उनको तोहफे में हम आईना देते हैं।
यह रंगत भी बेनूर थी
और हवाएं भी बेरंग
बस तुम आए और
मौसम सुहाना हो गया।
कभी वक्त एक पल में बीत जाता है
कभी-कभी एक पल काटे नहीं कटता।
2 line Gulzar Shayari
उसूलों पर चलने वालों के पैरों में
अक्सर बहुत छाले पाए जाते हैं।
अपनी आंखों को रोको
इस तरह मुस्कुराकर ना बात करें
इतने लोगों में मेरा नाम
लोग जान जाते हैं।
दिल की हर हसरतों को पूरा कर दो
कोई अरमान बाकी ना रहे।
जिंदगी में कुछ ऐसा कर जाओ
कि ना करने का अफसोस बाकी ना रहे।
दिल में यह तमन्ना थी कि
एक प्यारा सा महबूब मिले।
महबूब मिले तो बहुत
मगर वह भी क्या खूब मिले!!
यह दिल किसी के इंतजार में तरसता है,
यह दिल किसी के दीदार को तड़पता है,
इस कमबख्त दिल को हम क्या कहें
जो मेरा होकर भी किसी और के लिए धड़कता है।
जिंदगी हमें देती तो बहुत कुछ है
लेकिन हम याद उसी को करते हैं
जो हमें मिल ना सका!!
जिंदगी की कहानी शुरु हो चुकी है
तो कभी खत्म भी हो जाएगी।
हमें जो कीरदार मिले हैं,
उसमें हम काबिल हुए तो
याद भी रखे जायेंगे।
कुछ कागज की कश्तीयों को
मैंने पानी में उतारा है
अब वक्त से कह दो
कि हम समंदर में ही मिलेंगे।
हमें लगता था कि
हम भूल चुके हैं उनको
मगर आज फिर ये क्या हुआ
किस बात पर आंख भर आई!!
इश्क में वफा का
यह भला कैसा रिश्ता हुआ
तमाम उम्र में
कुछ गिले-शिकवे भी न हुए!!
shayari gulzar ki
शोर का तो एक समय होता है,
लेकिन खामोशी सदाबहार होती है।
बचपन में तपती दुपहरी में
नंगे पैरों से पूरा मोहल्ला घूम आते थे!
जबसे डिग्रियां हासिल की है
पांव जलने से लग गए है।
तुम खबरों में आने के लिए
शोर मचाते हो,
हमारी तो खामोशी भी
एक खबर बनी हुई है।
आज फिर लग रहा है
कि जिंदगी हमसे कुछ खफा है…
चलिए, छोड़िए, जाने दीजिए…
यह कौन सा पहली दफा है!!
किसी पर मर मिटने से
साबित होता है इश्क…
जिंदा लोगों के बस की
बात नहीं है इश्क…
ए ज़िन्दगी तू इतने सबक
क्यों सिखा रही है मुझे
क्या मुझे यहां सदियों तक रहना है?
हवाएं तो चली लेकिन…
शाख पर एक पत्ता भी ना हिला
वो मेरे शहर में आया
और हमें पता भी न चला…
काश कभी किसी की आंखों में
हमारा भी इंतजार तो दीखे
कोई तो हमारी तरफ भी देखें
और चौक जाए!!
दुनिया की हर चीज
तोड़कर जोड़ी जा सकती है।
सिवाय एक टूटे दिल
और एतबार के…
जिनकी आंखों में
सदियों से हम बसते थे,
उन्होंने अपने आंसुओं में
बहा कर भुला दिया!!
Sad Gulzar Shayari
इस दौर रिश्ते भी कुछ ऐसे हो गए हैं…
अगर तुम आवाज ना दो तो
वह भी बोलते नहीं!
जरा सी गलतफहमी ने
आज कितनी देखो तरक्की कर ली..
तुमने फासला बना लिया
हमने भी दीवार खड़ी कर ली।
सुना है आपको अब
हिचकियां बहुत आती है…
लेकिन हम तो आपको अब
याद भी नहीं करते!!
जब गुलाम थे तो
हम सारे हिंदुस्तानी थे
आज आजादी ने हमें
हिंदू और मुसलमान बना दिया।
हर रात मै अपनी ख्वाहिशों को
पहले सुला देता हूं!
लेकिन सुबह मेरी ख्वाहिशे
मुझसे पहले जग जाती है!
जो शिकायतें हम बयां नहीं कर पाते
वह हमें अंदर तक जला देते हैं।
हर करवट सोने की कोशिश में
कट जाती है।
बस एक ख्वाब
सारी रात जगाता रहता है।
पलकों से आंसू बहते हैं
तो उन्हें बहने दो…
शायद कोई अधूरी तमन्ना
पिघल रही होगी।
कैसे कर सकता हूं मैं
खुद को तेरे प्यार के काबिल
जब तक मैं बदलता हूं…
तुम्हारी शर्तें बदल चुकी होती है।
जिंदगी में अच्छे लोग और अच्छी किताबें
यूं ही समझ में नहीं आ जाते
उन्हे समझने के लिए
उन्हें पढ़ना पड़ता है।
Gulzar Shayari on Zindagi
ऐ जिंदगी तेरी राहों में रुककर
मैं अपना ही इंतजार किए चला जा रहा हूं।
मैं अभी चुप हूं
तो मुझे पत्थर ना समझो
किसी अपने की बात है
असर दिल पर हुआ है।
तेरे इश्क की धूप में मैं जलकर
काला ना पड़ जाऊं कहीं
मुझे अपने हुस्न की छांव का
एक टुकड़ा दे दे…
सब पूछते हैं…
जिंदगी कैसे गुजर रही है
कोई यह नहीं पूछता
जिंदगी कैसे गुजार रहे हो।
रिश्ते दूर रहने से टूटते नहीं
पास रहने से जुड़ते नहीं
बस याद कर लो तो
रिश्ते मजबूत हो जाते हैं
क्योंकि यह रिश्ते एहसास कहलाते हैं।