50+ Best Anmol Vachan in Hindi (अनमोल वचन)
Anmol Vachan: अगर आप आज के वक्त में किसी के साथ सच्ची और अच्छी बातें शेयर करना चाहते है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है Best Anmol Vachan Suvichar इन प्रेणनादायक विचार को आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।
Anmol Vachan
“भूल” और “भगवान” अगर दिल से मानो
तभी दिखते हैं, वरना नहीं दिखते!!
परिवार के सदस्यों के साथ मिल कर
फोटो खिंचवाने से फैमिली फोटो तो बन जाती है, लेकिन….
सुख दु:ख में एक दूसरे के साथ खड़े रहने से ही
सही अर्थ में उसे परिवार कहते हैं।
सीता की आंखों में अगर आंसू थे…
तो तड़पे राम भी होंगे।
राधा को अगर कृष्ण ना मिल सके…
तो कृष्ण भी अधूरे रहे होंगे।
यह जीवन जब भगवान के लिए ही इतना सरल नहीं है…
तो हम मनुष्य की क्या औकात है?
“मैं कुछ हूं” इस अहम को छोड़ दो…
क्योंकि यह तुम नहीं तुम्हारा “वक्त” बोल रहा है
और “वक्त” हमेशा एक जैसा ना किसी का था,
ना किसी का है और ना किसी का रहेगा।
“सुख” मनुष्य के “घमंड” की परीक्षा लेता है….
और “दुख” मनुष्य की “धीरज” की परीक्षा लेता है।
“यकीन” अगर खुद पर रखोगे तो..
वह “यकीन” आपकी “ताकत” बन जाएगा लेकिन….
अगर दूसरों पर करोगे तो
वह आपकी “कमजोरी” बन जाएगा।
इस धरती पर जन्म लेने के लिए
दो इंसानों की जरूरत पड़ती है… लेकिन
इस धरती से रुखसत लेने के लिए
चार इंसानों की जरूरत पड़ती है…
इसीलिए कभी भी “घमंड” में यह मत कहना
“हमें किसी की जरुरत नहीं है।”
मैंने इस दुनिया में लोगों को ये बार-बार कहते सुना है…
कि जिंदा रहेंगे तो फिर मिलेंगे लेकिन
किसी दोस्त ने एक बहुत अच्छी बात कही है
“ए दोस्त मिलते रहेंगे तो जिंदा रहेंगे।”
Life ka Anmol Vachan
सत्ता, ताकत और जवानी
सब की “Expiry Date” तय होती है…
इसीलिए हमेशा विनम्र बने रहिए।
माया, छल, कपट, प्रपंच, बल, वल क्रोध
यह सब चीजें कब तक साथ देंगे किसी को
एक समय ऐसा भी आता है जिंदगी में
कि तुम्हारी यही करतूतें तुम्हें ले डूबेगी!
जिंदगी में हम कितना जिएंगे
यह तो हमारे हाथ में नहीं है साहब….
लेकिन कैसे जीना है यह तो हमारे हाथ में है!
अच्छे चेहरे की चमक और
किसी मकान की ऊंचाई देखकर
उनकी अमीरी का अंदाजा मत लगाना।
जिस घर के बुजुर्ग तुम्हे हंसते हुए मिले
तो समझ लेना कि वह घर सबसे “अमीर घर” है।
जिंदगी में अगर संतोष चाहिए तो
एक चीज छोड़ दो”comparison”
आईना जब तक सही सलामत होता है
तो सब उसमें चेहरे देख देख कर जाते हैं…
लेकिन वही आईना अगर टूट जाए तो
सब उस से बच कर निकल जाते हैं ….
वक्त वक्त की बात है साहब लोग आपसे नहीं
आप के हालात से हाथ मिलाते हैं।
“मान” के बिना किसी के “मेहमान” ना बनना
और जहां “कदर” ना हो उस “दर” पर
अपने आप को मत घिसना!
इस दुनिया में सब “मतलबी” है, कोई किसी का नहीं है
जब तक काम होगा तब तक लोग आगे पीछे होंगे!
उसके बाद “तुम कौन” और “हम कौन”
Anmol Vachan With Images
भूमि और भाग्य का एक ही नियम है,
जैसा बोओगे वैसा पाओगे ।
जो बोया होगा वही निकलेगा।
आंख में से गिरे हुए आंसू
और नजरों से गिरे हुए लोग
कभी ऊपर उठ नहीं सकते!
किसी “सच्चे इंसान” की “हाय” लगे और
किसी “बेबस इंसान” के “आंसू” निकल जाए
ऐसा काम कभी मत करना क्योंकि
इन सारी बातों का “हिसाब किताब”
ऊपर वाले के हाथ में ही होती है।
इस झूठी दुनिया में कदर उसकी नहीं होती….
जो दिल से रिश्ते निभाते हैं.. लेकिन
कदर उनकी होती है जो सिर्फ
रिश्ते निभाने का “दिखावा” करते हैं।
“वक्त” और “विश्वास” एक ऐसा पंछी है..
जो एक बार उड़ जाए
तो वापस नहीं आता।
हमरी इस वाणी में भी गजब की ताकत होती है साहब…
कहीं देखो तो कड़वा बोलने वाले का शहद भी नहीं बिकता
और मीठा बोलने वाले की मिर्ची भी बिक जाती है।
एक सुखी जीवन जीने के लिए…
इंसान को “साधु” बनने की नहीं
“सीधा” बनने की जरूरत है।
अगर “शहद” जैसे मीठे रिश्ते चाहिए तो..
मधुमक्खियों की तरह “एक” भी होना पड़ेगा।
फिर चाहे वह दोस्ती हो, परिवार हो, गांव हो या समाज हो….सब में।
Real Life Anmol Vachan
जो खुश होते हैं
लोग उन्हीं के हाल-चाल पूछते है!
और जो तकलीफ में होते हैं
उनके तो नंबर भी गुम हो जाते हैं!!
अगर “किस्मत” का लिखा मिला है तो
उसे कोई “लूट” नहीं सकता और
अगर “किस्मत के बिना” मिल गया है तो
उसका कोई “सुख” नहीं ले सकेगा।
जिंदगी में “सहनशक्ति” इतनी मजबूत रखना…. कि
हमें तोड़ने वाले…
हमें तोड़ते तोड़ते…
खुद भी “टूट” जाए।
आपकी “Personality”(पर्सनालिटी) कैसी है यह जरूरी नहीं है !
आपकी “Mentality”(मेंटालिटी) कैसी है यह जरूरी है।
अपने बच्चे को छांव उतनी दो कि
वह जिंदगी में आने वाली धूप का सामना कर सके…
हर बार किसी की इज्जत रखने के लिए
सुनने की आदत मत डालो।
कभी-कभी अपनी इज्जत बनी रहे
उसके लिए सुना भी देना चाहिए।
जब पराए ठोकर मारते हैं..
तो सॉरी बोल कर
आगे निकल भी सकते हैं, लेकिन….
जब अपनों से ही ठोकर लग जाती है
तो दिल भी आगे चलने की मनाई कर देता है।
जिंदगी में वही लोग खुश रहते हैं..
जो यह सच जान चुके हैं कि दूसरों से कोई भी उम्मीद रखना बेकार है।
अपनी जिंदगी के हर अनुभवों से सीखते रहो क्योंकि….
तुम्हारी जिंदगी को सिर्फ तुम ही बदल सकते हो कोई और नहीं।
डांस हो या जिंदगी
इसमें कब पांव आगे रखना है
और कब पीछे करना है?
जिसे यह “अदा” आ जाए
वही इस जिंदगी का “सच्चा खिलाड़ी”
किसी को सलाह इतनी दो जितनी वह
अपने दिमाग में समझ सके क्योंकि…
बर्तन में भी अगर पानी भर जाए तो
उसके बाद वह छलकने लगता है
और वह वेस्ट ही जाता है!!
जो लोग तुम्हारे सामने तुम्हारी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं।
तुम्हारी तारीफ से करते हैं।
वही लोग तुम्हारे जाने के बाद
तुम्हारा मजाक उड़ाते हैं
इसलिए इस कलयुग में
किसी पर आंख बंद करके
भरोसा मत करना। क्योंकि लोग अब
रिश्तो से ज्यादा स्वार्थ को महत्व देते हैं।
Life Anmol Vachan Suvichar
रिश्ता भले कोई सा भी हो लेकिन…
“मन” से होना चाहिए “मतलब” से नहीं।
जिसे ज्यादा मिल जाए…
उसे कहते है “किस्मत”
और जिसके पास सब कुछ हो फिर भी हमेशा रोता रहे…
उसे कहते हैं “बदकिस्मत”
और जिसके पास कुछ भी ना हो फिर भी खुश रहे…
उसे कहते हैं “खुशकिस्मत”
जिंदगी है साहब….
मौज से आज जी लो…
यहां पर सब कुछ इकट्ठा करने की
व्यवस्था तो हमने कर दी है लेकिन…
हमें खाली हाथ बुलाने की
व्यवस्था भगवान ने भी कर रखी है।
दोस्त शब्द का अर्थ है
बहुत अच्छा है..
अपने अंदर रहने वाले
“दोषों” का “अस्त” कर दे
वही सच्चा दोस्त होता है।
रुप और रुपए पर कभी घमंड मत करना क्योंकि…
गरीबी और बीमारी कभी पूछ कर नहीं आती।
कभी ऐसे भी दिन थे…
जब महिला का वस्त्रहरण होता था तो
महाभारत हो जाती थी….
और आज ऐसे भी दिन है कि…
घर में महिला को पूरे वस्त्र पहनने के लिए
कहो तो महाभारत हो जाती है।
जीने का सच्चा मजा तो
सीधे लोग ही लेते हैं साहब….
वरना चालाकीयां चलने वालों को तो
बोलने से पहले भी “प्लान” बनाने पड़ते हैं!!
मंदिर में भगवान के दर पर अगर जाओ
तो भगवान से सिर्फ इतना मांगो हे भगवान…
“मुझे तकलीफ बिना की मौत देना”,
“किसी का सहारा ना लेना पड़े ऐसी जिंदगी देना”
और “जब मौत करीब हो तो तुम मेरे पास रहना और दर्शन देना।”
अच्छा दिखना “आसान” है लेकिन…
अच्छा बनना बहुत “कठिन” है।
जो छीन कर खाता है ,
उसकी कभी भूख नहीं मरती
और जो सब के साथ बैठकर खाता है,
वह कभी भूखा नहीं रहता।
एक बेटे ने अपने पिता को घड़ी गिफ्ट में दी
पिताजी ने उससे कहा कि
“बेटा तूने घड़ी तो दे दी है लेकिन..
कभी अपना समय भी दे देना!”
कितनी अजीब बात है ना!!
अच्छाई किसी को नहीं चाहिए और
बुराई के पीछे सब भाग भाग कर जाते हैं!!
दारू बेचने वाला कहीं नहीं जाता लोग उसके पास जाते हैं
और जब कि दूध बेचने वाले को गली-गली घूमकर दूध बेचना पड़ता है।
जिंदगी में “चालाकियां” कितनी भी कर लो लेकिन…
तुम्हें मिलेगा तो तुम्हारी “नियत” के हिसाब से ही
कर्म का नियम
अगर आप अपनी और अपनी आने वाली
पीढ़ी की जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं….
तो गलती से भी इन तीन जगह के पैसे कभी मत खाना
मंदिर, भागीदार और संयुक्त परिवार
क्योंकि इन तीन जगह से लिया हुआ एक भी पैसा
पचाने की ताकत कुदरत ने इंसान को नहीं दी है और ना कभी देगा।