Gulzar Shayari Hindi
Shayari
मुश्किलों के दौर
यूं ही कम हो जाते हैं…
जब अपनों से अपनों के
रिश्ते कम हो जाते हैं…
01
Gulzar Shayari Hindi
Shayari
इश्क में वफा के सिलसिले भी
बड़े अजीब होते हैं…
पूरी उम्र में दो चार
गिले-शिकवे भी नहीं होते हैं…
02
Gulzar Shayari in Hindi
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ए रात तू जरा अपनी चांदनी ओढ़ ले ढलते सूरज की
चादर अभी उतारी ही है!...
03
इस बदलती उम्र में
ज्यादा कुछ नहीं बदलता
बस बचपन की नादानियां
समझदारी में बदल जाती हैं…
04
Gulzar Shayari in Hindi
Shayari
लोग शोर मचाते हैं
सुर्खियों में आने के लिए…
हमारी तो खामोशी भी
पूरा अखबार बन जाती है…
05
Gulzar Shayari in Hindi
Shayari
जिंदगी कुछ इस कदर तन्हा बीत गई… काफिला साथ रहा और सफर तन्हा बीता अब क्या बताएं हम पर क्या गुजर रही हैं।
06
Gulzar Shayari in Hindi
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अब तो इस जिंदगी से हार गए और कितना सिखाएगी ऐ जिंदगी… हमें क्या यहां सदियों तक राज करना है!...
07
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