Gulzar Shayari
Shayari
कमबख्त दिल है कि कहता है
कि मुझे एक
सहारा
चाहिए!!
मगर दिमाग इस दिल से कहता है कि क्या तुझे एक और
धोखा
दोबारा चाहिए?
01
Gulzar Shayari
Shayari
इस जिंदगी में हम ना जाने कितनी बेचैनियों को साथ में लिए फिरते हैं सिर्फ एक सुकून की तलाश में..
02
Gulzar Shayari
Shayari
ए जिंदगी तेरे जख्मों में
मैं टूट कर बिखर जाना चाहता हूं बिखर के मैं फिर से
निखर जाना चाहता हूं
अभी तो मैं गुलजार हूं लेकिन
मैं गुलेगुलजार होना चाहता हूं।
03
Gulzar Shayari
Shayari
पूरा पाने की चाहत में
हम कभी आधा भी छोड़ आते हैं
कभी आसमां की तरफ देख लो तो चांद आधा भी खूबसूरत ही लगता है।
04
Gulzar Shayari
Shayari
मेरी खामोशी को अगर तुम समझते तो इसमें शोर भी है और सन्नाटा भी मेरी आंखों की तरफ गौर तुम करते तो
इसमें लिहाज भी है और
कुछ और भी…
05
Gulzar Shayari
Shayari
प्यार में अब यह दिल,
मासूम भी नहीं रहा,
पत्थर तो नहीं है,
लेकिन मोम सा भी नहीं रहा।
06
Gulzar Shayari
Shayari
इश्क में वफा का इंसाफ
हम किस से मांगते
इश्क भी तेरा, बेवफाई भी तेरी
शहर भी तेरा, वकालत भी तेरी।
07
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08
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